सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड में तुम निकल सको तो चलो
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को खुद बदल सको तो चलो
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो
कहीं नहीं कोई सूरज धुवाँ धुवाँ है फिजा
खुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो
यही है जिन्दगी कुछ ख्वाब चंद उम्मीदें
ईन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
( निदा फाजली )
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को खुद बदल सको तो चलो
સરસ !
– ધવલ
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को खुद बदल सको तो चलो
સરસ !
– ધવલ
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो
wow! dundar.
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो
wow! dundar.
નીદા મારા પસંદગીના શાયર એમના અલગજ અંદાઝમાં આ ગઝલ સાંભળેલી મજા આવી
નીદા મારા પસંદગીના શાયર એમના અલગજ અંદાઝમાં આ ગઝલ સાંભળેલી મજા આવી