सच्ची वात Dec29 सच्ची वात कही थी मैंने लोगों ने सूली पे चढाया मुझको जहर का जाम पिलाया फिर भी उनको चै ना आया सच्ची वात कही थी मैंने.. लेके जहां भी वक्त गया है जुल्म मिला है जुल्म सहा है सच्च का ये ईनाम मिला है सच्ची वात कही थी मैंने.. सब से बेहतर कभी ना बनना जग के रहबर कभी ना बनना पीर पैयम्बर कभी ना बनना सच्ची वात कही थी मैंने.. चुप रह कर ही वक्त गुजारो सच कहने पे जां मत वारो कुछ तो सीखो मुझसे यारो सच्ची वात कही थी मैंने.. ( साबिर दत्त )
એક જ શબ્દ “અદ્દભૂત”! અને આ પંક્તિઓ જ્યારે હું જગજીતસિંગના અવાજમાં સાંભળીને મારા મનનો ઉચાટ મેં શાંત કર્યો છે. Reply
sachi baat kahi thi meine,,,, logone sulipe chadaya muje zaher ka jaam pilaya VERY GOOD ONE. . . . Reply
એક જ શબ્દ “અદ્દભૂત”! અને આ પંક્તિઓ જ્યારે હું જગજીતસિંગના અવાજમાં સાંભળીને મારા મનનો ઉચાટ મેં શાંત કર્યો છે.
sachi baat kahi thi meine,,,,
logone sulipe chadaya
muje zaher ka jaam pilaya
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