किताबें
करती हैं बातें
दुनिया की, ईन्सानों की
आज की, कल की
एक एक पल की
खुशियों की, गमों की
फूलों की, बमों की
जीत की, हार की
प्यार की, मार की
क्या तुम नहीं सुनोगे?
ईन किताबों की बातें?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं
किताबों में चिडियां चहचहाती हैं
किताबों में खेतियां लहलहाती हैं
किताबों में झरने गुनगुनाते हैं
परियों के किस्से सुनाते हैं
किताबों में रोकेट का राज है
किताबों में साईन्सकी आवाज है
किताबों में कितना बडा संसार है
किताबों में ज्ञान की भरमार है
क्या तुम ईस संसार में
नहीं जाना चाहोगे?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं
( सफदर हाशमी )