कौन करे – साहिर लुधियानवी

सुरमई रात के सितारे है

आज दोनों जहां हमारे है

सुबह का ईंतजार कौन करे !

.

फिर यह रुत यह समां मिले न मिले

आरजू का चमन खिले न खिले

वक्त का एतबार कौन करे !

.

ले भी लो हम को अपनी बाहों में

रुह बेचैन है निगाहों में

ईलतिजा बार बार कौन करे !

.

( साहिर लुधियानवी )

.

[ एतबार = भरोसा, रुह – आत्मा, ईलतिजा = विनती ]

Share this

4 replies on “कौन करे – साहिर लुधियानवी”

  1. कौन कितना बेचैन है – कोई पास तो आये – तो पता चलें…

  2. कौन कितना बेचैन है – कोई पास तो आये – तो पता चलें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.