जिस तरह पानी का कतरा कश्ति के काबिल हुआ
मैं तुम्हारी जिंदगी में ईस तरह शामिल हुआ
बाद मुद्त भी तुम्हें यह बात समजाती नहीं ?
मैं तेरी रहेमोकरम से सब जगह बातिल हुआ ?
जो भी भले सबने बताया था गलत तेरा पता-
चलते चलते ईस तरह जन्नत में मैं दाखिल हुआ
प्यार में होता है, ऐसा बंदगी में भी हुआ
मैं तुम्हारी चीकनी चीकनी बातों से गाफिल हुआ
यह सरासर जूठ है, यह जूठ है, हां जूठ है
तू नहि पैदा हुआ तो कैसे में कातिल हुआ ?
( चिनु मोदी )