कल तक
जिन्दगी के पास एक पेड था
जिन्दा पेड
फूलों फलों और
महक से भरा…
और आज
जिन्दगी के पास
सिर्फ जिक्र है –
पर है जिन्दा जिक्र
उस पेड का…
पेड जो
अब बीज बन गया
और बीज
हवाओं के साथ
मिल कर
उड गया है
पता नहीं
किस धरती की
तलाश में…
( ईमरोझ )