कब तुम बात करोगे-चिनु मोदी

हम से कब तुम बात करोगे
खामोशी बरखास्त करोगे ? हम से…

बेसब्री से इंतेझार है
गुलशन गुलशन यार यार है
सन्नाटे की सोट सोय है
यार, सितारे बेशुमार है-

ऐसे में भी रसम निभा कर
तन्हाई तहेनात करोगे ? हम से…

यादों का सैलाब नहीं है
जीने का असबाब नहीं है,
तेरी गली से गुजरा लेकिन
परछांई बेताब नहीं है,
तेरा मेरा रिश्ता बुढ्ढा
कब तक तुम बरदास्त करोगे ?हम से…

एक शिकस्ता दिल को लेकर
भटक रहा है तन्हा तन्हा
ऊंची ऊंची दीवारे है
मैं नाटा और नन्हा नन्हा;
हम दोनों का खेल पुराना
फिर तुम मुज से म्हात करोगे ? हम से…

दस्तक देने की मत सोचो
द्वार ढकेलो, अंदर आओ,
आंखे कब की खूली खूली है
डाका डालो, नींद चुराओ-
दु:ख देने की चाहत अब भी ?
सांसो की खैरात करोगे ? हम से…

( चिनु मोदी )

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