कुछ कविताएँ Apr8 १) जिनके पास प्रेमिकाएँ नहीं होतीं वे भी लिख सकते हैं खूबसूरत प्रेम-कविताएँ सिर्फ़ प्रेमिकाओं में प्रेम ढूंढना दुनिया की सबसे छोटी बात है। ( ब्रह्मदेव बन्धु ) . २) मैं जैसी भी थी ठीक ही थी तुमने पंख दिये मैं उड़ी तुमने शर्त दी मैंने माथे पर रखी अब तुम मांगते हो पंख तो मैं शर्त का क्या करूँ? ( ऋतु त्यागी ) . ३) आदमी जब थक जाता है स्त्री को ढूँढता है आदमी जब ऊब जाता है स्त्री को ढूँढता है आदमी जब टूट जाता है स्त्री को ढूँढता है इसे दूसरे तरीक़े से कहें तो थके टूटें ऊबे हुए आदमी को सिर्फ़ स्त्रियां बचाती हैं । ( विशाल कृष्ण ) . ४) प्रेयसियाँ करतीं है मदद पूर्व-प्रेयसियों को भुला देने में और फिर चली जातीं हैं एक नई स्त्री के माथे ये जिम्मा सौंपकर प्रेमी उद्विग्न हो जाते हैं पूर्व-प्रेमी के सिर्फ़ नाम ही से और चले जाते हैं पूर्व के पास जाने का उलाहना देकर और यह चक्र चलता रहता है जब तक हो नहीं जाते दोनों कुंठित, उन्मत्त और शून्य ( अभिलाष )