मेरे तो गिरधर गोपाल Aug24 मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई I जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई II छांडि दई कुल की कानि, कहा करिहै कोई I संतन ढिंग बैठि-बैठि, लोक लाज खोई II अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम बेलि बोई I अब तो बेल फैल गई, आनन्द फल होई II भगत देखि राजी हुई, जगत देखि रोई I दासी मीरा लाल गिरधर, तारो अब मोहीं II मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई II ( मीराबाई )
Mera sabse pasand bhajan bheja,bahot khushi
hui.
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Chandra.