जब मैं न रहूँ Sep28 जब मैं न रहूँ तब तुम अपने हियांगन में सृष्टि का सारा सौन्दर्य सहेज लेना जो मैं न सहेज पायी जब मैं न रहूँ तब तुम अपने नयनों से प्रकृति का सारा पीयूष पी लेना जो मैं न पी पायी जब मैं न रहूँ तब तुम अपने हाथों से दीन-दुखियों का सारा दर्द मथ लेना जो मैं न मथ पायी जब मैं न रहूँ तब तुम अपनी मृदुल मुस्कानों से श्रान्त क्लान्त का सारा क्लेश हर लेना जो मैं न हर पायी. ( शीला गुजराल )
Wah wah, kya kavita he
Jab mei na rahu…………………bahot sundar.
CommentBy:
Chandra.
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