मैं Jun2 मैं? आम की झुकी हुई डाल पर झूलने वाला वह अधफूटा घडा जिस में कि कोई खूबसूरती नहीं है पर ईतना जरुर है कि पानी से भरा हूं अत: मेरे पास आने वाला कोई भी थका-माँदा पंछी कभी भी प्यासा नहीं लौट सकता I ( मुनि रुपचन्द्र )
સુંદર કાવ્યાત્મક સંદેશ.