1.
मृतक भी तो चाहता होगा
अंतिम बार देख ले उन्हें
जिन्हें वह हर दिन देखता था!
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2.
फूंको मत
जलाओ मत-
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अग्नि दो मुझे!
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3.
बंद शीशों वाली एम्बुलेंस में
सीधे श्मशान घाट ले गए मुझे!
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अहा!
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वह मेरा बरामदा
वह चार कंधों का झूला
वह पुराने बाज़ार का आख़िरी चक्कर
वह रोना जो आज के दिन सिर्फ़ मेरे हिस्से का था
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अब टीस बनकर रह गया है!
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4.
जब राख हो जाऊँगा
तब इन्फेक्टेड नहीं कहलाऊंगा-
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गंगा में बहूँगा
कलमुँही बीमारी को चिढ़ाते हुए!
5.
संसारियो!
तुम्हारा मृत्यु-बोध मर चुका था
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मैंने असमय मर कर
उसे फिर से जीवित कर दिया है..!
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6.
एक मेला था
जिसमें सब लोग जी रहे थे
नाच रहे थे, खा रहे थे, पी रहे थे-
फिर एक सच्ची अफ़वाह उड़ी
भगदड़ मची और मैं
उसमें कुचलकर मर गया!
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( मनमीत सोनी )