Tags ઓશો पहचान लें heenaparekh July 25, 2010 प्रिय विजय मूर्ति, प्रेम. मैं यात्रा करुं या न करुं-बोलूं या न बोलूं ईससे कोई भी भेद नहीं पडेगा, उनके