
Statue of Liberty-USA
ओ माँ
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बचपन में
तुमने ही कहा था
अच्छे लोग गुजर जाने पर
तारा बन जाते हैं…
अपने सारे अतीत
को पीछे छोड कर
आज तुम खुद
तारा बन गई हो…!
अतीत की यादों के झरोखों
में
तुम्हारी गायी….
लोरी
आज भी
दुनिया के दिये जख्मों पर
पूस की ठंडी बयार की
फूँक सी लगती है…..!
बहुत रात गये
खिडकी भर अंधेरे में
चौंक कर जब नींद
से जाग जाता हूँ
तब
छत पर फैले
आसमान में तुम्हारे नाम का
तारा ढूंढ लेना
भूलता नहीं हूँ
आज भी….
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( दीपक भास्कर जोशी )
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