प्रेम कविता-गीत चतुर्वेदी

आत्महत्या का बेहतरीन तरीका होता है
ईच्छा की फिक्र किए बिना जीते चले जाना
पाँच हजार वर्ष से ज्यादा हो चुकी है मेरी आयु
अदालत में अब तक लम्बित है मेरा मुकदमा
सुनवाई के ईन्तजार से बडी सजा और क्या

बेतहाशा दुखती है कलाई के उपर एक नस
हृदय में उस कृत्य के लिए क्षमा उमडती है
जिसे मेरे अलावा बाकी सबने अपराध माना

ताजीरात-ए-हिन्द में ईस पर कोई दफा नहीं

( गीत चतुर्वेदी )

Leave a comment