राम : कुछ शब्द-चित्र : भाग एक-मनमीत सोनी

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1.
मुझे क्यों लग रहा है
कि मैं वही केवट हूँ
और इस रेगिस्तान में
बह रही है एक नदी..
जो अयोध्या जा रही है!
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2.
मैं
अपने घर का बड़ा ही बड़ा बेटा हूँ
और इस नाते
मैं एक छोटा-मोटा राम ही तो हुआ..
मुझे
रामजी की सौगंध
कि मैं सगे, चचेरे और ममेरे भाई-बहनों के लिए
कोई भी क़ुरबानी दूँगा!
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3.
रामजी ने
शिवजी का धनुष तोड़ दिया-
रामजी को कोई जोर नहीं आया!
लेकिन रामजी ने
जब प्रेम का धनुष उठाया
तो रामजी के भी पसीने छूट गए!
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4.
डरपोक लोगो!
बच्चे के जन्म पर कहा करो :
राम नाम सत्य है!
मुर्दे को क्या सुनाते हो?
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( मनमीत सोनी  )
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