मेरा संदेश छोटा सा है:
आनंद से जीओ
और जीवन के समस्त रंगो को जीओ,
सारे स्वरों को जीओ
कुछ भी निषेध नहीं करना है
जो भी परमात्मा का है, शुभ है
जो भी उसने दिया है, अर्थपूर्ण है
उसमें से किसी भी चीज का इनकार करना,
परमात्मा का ही इनकार है, नास्तिकता है
और तब एक अपूर्व क्रांति घटती है
जब तुम सबको स्वीकार कर लेते हो
और आनंद से जीने लगते हो तो
तुम्हारे भीतर रुपांतरण की प्रक्रिया शुरु होती है
तुम्हारे भीतर की रसायन बदलती है –
क्रोध करुणा बन जाता है;
काम राम बन जाता है
तुम्हारे भीतर कांटे फूलों की तरह खिलने लगते है
.
( ओशो )
dear mam
it is among one of the best massage for life.
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dear mam
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સરસ મારો પ્રિય ફિલોસોફર જે કૈ પરમાત્મા નુ તે શુભ સરસ સરસ સરસ
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I Love Osho as you are.
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