
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था
व्यक्ति को मैं नहीं जानता था
.
हताशा को जानता था
ईसलिए मैं उस व्यक्ति के पास गया
.
मैंने हाथ बढाया
मेरा हाथ पकडकर वह खडा हुआ
.
मुझे वह नहीं जानता था
मेरे हाथ बढाने को जानता था
.
हम दोनों साथ चले
दोनों एक दूसरे को नहीं जानते थे
.
साथ चलने को जानते थे
.
( विनोदकुमार शुक्ल )