चलो एक बार Oct18 चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जाए हमदोनों न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखुं दिल नवाजी की, न तुम मेरी तरफ देखो गलत अंदाज नजरो से. न मेरे दिल की धडकन, लडखडाये मेरी बातों से. न जाहीर हो तुम्हारी कश्मकश का राझ नजरो से. तआरुक रोग हो जाए तो उसका भूलना बहेतर. तआल्लुक बोज बन जाए तो उसका तोडना अच्छा. वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकीन, उसे खुबसुरत मोड देकर छोडना अच्छा. ( साहिर लुधियानवी ) [ तआरुक-પરિચય, तआल्लुक-સંબંધ]