खेल – ईमरोज February 11, 2014 रंगो के साथ खेल हो रहा था कि तू आ गयी अपने रंगो मिला कर खेलने… . खयालों के खाके तस्वीरें बनने लग गये और जिन्दगी अपने आप कविता और कविता अपने आप जिन्दगी हो कर खयालों के साथ आ मिली… . ( ईमरोज ) Share thisFacebookXEmailWhatsApp