मेरी नींदो का उजाला मुजे वापस दे दो,
कल जो टूटा है वो सपना मुजे वापस दे दो !
तुम से पाई हुई ईज्जत तुम्हें लौटा दूंगा,
मेरा छीना हुआ रुत्बा मुजे वापस दे दो !
जाओ मत दो मेरी महेनत का सीला भी मुज को !
तुम मेरा खूनपसीना मुजे वापस दे दो !
खुद मेरे गांव के लोगों ने पहेचाना मुजे,
शहेरवालो, मेरा चहेरा मुजे वापस दे दो !
फिर नया चांद पहाडों से उतारुंगा खलील,
मेरे माझी का अंधेरा मुजे वापस दे दो !
( खलील धनतेजवी )