या खुदा ! – राजेश रेड्डी
या खुदा ! कैसे ज़माने आ गए
फ़ैसला क़ातिल सुनाने आ गए
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लोग जी लेते हैं कैसे ज़िन्दगी
होश अपने तो ठिकाने आ गए
.
ढूँढने निकले थे हम तो इक ख़ुशी
हाथ में ग़म के ख़जाने आ गए
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हमने रोए जिनके आँसू उम्र भर
वो भी हम पर मुस्कुराने आ गए
.
इक पुराने ग़म से हम निकले ही थे
कुछ नए ग़म आज़माने आ गए
.
( राजेश रेड्डी )
Perfect Gazal…!!! Full of Taunts…I guess…!!!
Perfect Gazal…!!! Full of Taunts…I guess…!!!
क्या बात है !बहोत बढियां !
क्या बात है !बहोत बढियां !